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बवासीर या हैमरॉइड से अधिकतर लोग पीड़ित रहते हैं। इस बीमारी के होने का प्रमुख कारण अनियमित दिनचर्या और खान-पान है। बवासीर में होने वाला दर्द असहनीय होता है। बवासीर मलाशय के आसपास की नसों की सूजन के कारण विकसित होता है। बवासीर दो तरह की होती है, अंदरूनी और बाहरी। अंदरूनी बवासीर में नसों की सूजन दिखती नहीं पर महसूस होती है, जबकि बाहरी बवासीर में यह सूजन गुदा के बिलकुल बाहर दिखती है।

नमस्कार दोस्तों कैसे है आप ? दोस्तों आज के इस हेल्थ पोस्ट में आप बवासीर या हैमरॉइड जैसी बीमारी से बचने के लिए कुछ जरूरी टिप्स और अगर किसी कोई ऐसी बीमारी है, तो उस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए कुछ जरूरी और रामबाण आयर्वेदिक औसधियो के बारे में बताउगा। 

दोस्तों इन औसधियो के सेवन से आपको कोई साइडएफेक्ट नहीं होगा और अगर  आप इन औसधियो का उपयोग बताये गए नियमानुसार और समय पर करते है तो आप को केवल एक सप्ताह में अपनी बीमारी पर बहुत ज्यादा फर्क देखने को मिलेगा | 

बवासीर या हैमरॉइड क्या है और यह इंसानो में क्यों होता है:-

                                                                                                                         दोस्तों बवासीर या हैमरॉइड बीमारी होने का  मुख्य कारण अनियमित खान-पान और बिगड़ी हुई दिनचर्या के कारण होता है यह रोग मानव मलाशय के आसपास की नसों की सूजन के कारण विकसित होता है। 

बवासीर दो तरह की होती है, अंदरूनी और बाहरी। अंदरूनी बवासीर में नसों की सूजन दिखती नहीं पर महसूस होती है, जबकि बाहरी बवासीर में यह सूजन गुदा के बिलकुल बाहर दिखती है. इस रोग के होने पर मनुष्य में असहनीय दर्द होता है और उसे कहि भी बैठने ने बहुत दर्द का सामना करना पड़ता है

इस रोग का अगर समय पर इलाज नहीं कराया जाये तो यह बीमारी बढ़ती जाती है और फिर कैंसर जैसी गंभीर और खतरनाक बीमारी का रूप ले लेता है | 

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दोस्तों अगर ये रोग कस को होजाये तो इसका इलाज जल्दी से जल्दी जरूर करवाए। बवासीर को पहचानना बहुत ही आसान और सरल  है। इस रोग के कुछ मुख्य लक्षण निम्न है 
  1. मलत्याग के समय मलाशय में अत्यधिक पीड़ा
  2. गुदे रक्तस्राव और खुजली
  3. गुदे में सूजन आदि 

बवासीर के उपचार के लिए आयुर्वेदिक औषधिया :-

नींबू का उपयोग
बवासीर के रोग से छुटकारा पाने के लिए आप हर रोज दो या तीन कागजी नींबू अनिमा के साधन से गुदा में लें। और आप इसको दिन में 2 से 3 बार ले और फिर आप 20 से 25 मिनट बाद शौच जाये दोस्तों आप को धयान देना है की इसका प्रयोग आप को 4-5 दिन मे एक बार करना है और इसे इस अंतराल में प्रयोग करना है. इसे 3 बार प्रयोग करने से बवासीर में लाभ होता है।


जीरा इस्तेमाल करे 
दोस्तों आप को करीब दही के मढ़े में पिसा हुआ जीरा मिलाना है और जब आप को प्यास लगे तब आप पानी न लेकर दही के मढ़े को पिए लेकिन आप को इस मढ़े में नमक नहीं मिलाना है आप को केवल दही और उसमे जीरा मिलकर मढ़ा बनाना है और इसे ही प्यास लगने पर पीना है. 
अगर आप इस मढ़े का उपयोग २-३ दिनों तक करते हो तो आपको बवासीर से राहत मिलेगी।

जामुन का इस्तेमाल करे 
दोस्तों खुनी बवासीर से चटकारा पाने के लिए जामुन और आम की गुठली बहुत ही ज्यादा कारगर साबित हो सकती है. आप को जामुन और आम की गुठली को सुखा लेना है और फिर इनको पीसकर इनमे थोड़ा जीरा मिळालेना है, जब ये चूरन तैयार हो जाये तब आप इस चूरन को पानी के साथ ले. अगर आप इस चूरन को  छाछ के साथ ले तो यह बहुत ज्यादा कारगर और असरदार होगा आप इस चूरन का उपयोग दिन में 2 बार जरूर करे आप को 3 दिनों में ही बवासीर पर बहुत फर्क देखने को मिलेगा।


इसबगोल का उपयोग करे 
अगर मलत्याग के दौरान आप को बहुत ज्यादा दर्द होता है तो आप इसबगोल का इस्तेमाल करे ये  अनियमित और कड़े मल से राहत दिलाता है और ये  पेट साफ़ करने में भी बहुत कारगर साबित हो सकते है. आप इसबगोल का उपयोग प्र्त्येक सुबह एक गिलास पानी में 2 चमक इसबगोल डालकर जरूर ले इससे आप को मलत्याग के दौरान दर्द से राहत मिलेगी।

बड़ी इलायची का उपयोग करे 
बड़ी इलाइची का चूर्ण भी बवासीर से राहत के लिए असरदार है. बड़ी इलाइची का चूर्ण बनाने के लिए आप 3 से 4 बड़ी इलाइची ले और फिर इनको तवे पर भूनते हुए जला ले जब ये हलकी काले कलर में आ जाये तब आप इनको पीस ले और इसका चूर्ण बनाले और इस चूर्ण को हर रोज पानी से साथ सेवन करे. 
तो मित्रो आप को हमए पोस्ट कैसा लगा हमे कमैंट कर के जरूर बताये और अगर आप का कोई सवाल है तो आप हमे कमैंट में लिख सकते है और इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर और लिखे जरूर करे ताकि में ऐसे ही हेल्थ से जुड़े आर्टिकल पोस्ट करता रहु |