अनिद्रा दूर करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार
नींद ना आना वर्तमान की एक बहुत बड़ी समस्या हो गई है और ये रोग ज्यादातर 25 से बड़ी उम्र वाले लोगो में होती है अगर नीद ना आने की समस्या लगातार चलती रहे तो मनुष्य कुछ ही दिनों में बहुत ज्यादा बीमार हो जाता है कुछ लोग नींद की समस्या को रोकने के लिए नींद की गोलियों और दवाइयों का सेवन करते है जो की बहुत ही हानिकारक है अगर लम्बे समय तक नींद की दवाइयों का सेवन करने से ये दवाइया मनुष्य के शरीर की सारी उपयोगी एंटीबॉडी नष्ट कर देती है जिससे हमारा शरीर बाहरी रोगों से लड़ने में अस्छ्म हो जाता है जिस से हमारा शरीर बीमार हो जाता है इसलिए नींद ना आने की बीमारी में आयुर्वेदिक औषधियों का ही इस्तेमाल करना चाहिए क्यों की इनका हमारे शरीर पर कोई बुरा असर नही होता है तो चलिए आज हम अनिद्रा दूर करने के लिए आयुर्वेदिक उपचारों के बारे में जान लेते है 

अनिद्रा दूर करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार

नींद ना आने की वजह से मनुष्य पुरे दीन आलस्य में रहता है उसे बार बार उबासिया आती है और उसका सर भी भरी हो जाता है अनिंद्रा के कारण मानव में सोचने समझने की सकती कमजोर हो जाती है और वह ज्यादा क्रोध करने लगता है इसलिए कुछ लोग अनिंद्रा को दूर करने के लिए अंग्रेजी दवाइयों और गोलियों का सेवन करते है जो हमारे शरेर के लिए बहुत ही हानिकारक है इसलिए हमे इनका सेवन ज्यादा नही करना चाइये
निचे अनिद्रा से छुटकारा पाने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपचार दिए गये है जिन्हें आप जरुर पढ़े

लैवेंडर का इस्तेमाल करे

अनिद्रा दूर करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार
लेवेंडर का उपयोग कर के अनिंद्रा को दूर किया जा सकता है पारंपरिक चिकित्‍सकों द्वारा अनिद्रा के इलाज के लिए लैवेंडर का इस्‍तेमाल किया जाता था,
और एक क्लिनिक रिसर्च के दुवारा यह पता चला है की लेवेंडर के इस्तेमाल से स्‍लीप डिसआर्डर जैसी बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है और एसोसिएटेड स्‍लीप सोसायटी की एक गहन रिसर्च में यह निस्कर्स निकला गया है की लेवेंडर के तेल के इस्तेमाल से अनिंद्रा से रहत पाई जा सकती है  

शहद का इस्तेमाल करेअनिद्रा दूर करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार

नींद न आने की समस्या को दूर करने के लिए आदिकाल से दूध और शहद का इस्तेमाल किया जाता था क्योकि दूध और शहद हमारे शरीर में इन्सुलिन के स्त्राव को नियंत्रित करते है जिस के कारण हमारे मस्तिक में ट्रिप्टोफेन का स्त्राव भी प्रचुर मात्र में  रहता है ट्रिप्टोफेन सिरोटोनिन में बदल जाता है और सिरटोनिन, मेलेटोनिन में परिवर्तित होकर मस्तिष्‍क को आराम पहुंचता है जिससे अनिद्रा की समस्या दूर होती है।
ब्राह्मी का इस्तेमाल करे
अनिद्रा दूर करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार 
ब्राह्मी का उपयोग मुख्यतौर पर मस्तिक्स संबंधीत बीमारियों में किया जाता है ये मानव मस्तिक्स को शांत और शीतल रखता है ब्राह्मी मस्तिष्क के लिए एक बहुत ही उपयोगी व कारगर औषधि है जब मानव मस्तिष्क ज्यादा स्ट्रेस और काम से भर जाता है तो अनिंद्रा की समस्या होती है और तब ब्राह्मी का इस्तेमाल करने से चमत्कारी और आश्चर्यजनक असर दिखाई देता है जटामांसी मस्तिष्क और नाड़ियों के रोगों के लिए ये रामबाण औषधि है ये औषधि काम तो धीरे धीरे करती है परन्तु यह रोग को जड़ से कटती है रात को सोने से पहले अगर जटामासी का चूर्ण एक चमच पानी या दूध से साथ लेने से अनिंद्रा की समस्या हमेसा के लिए ख़तम हो जाती है